दुःख, रोग निश्चित मिटेगा पहले जीवनशैली सुधारें व योग्यता बढ़ाएं : जगद्गुरु वसंत विजयानंद गिरी जी

दुःख, रोग निश्चित मिटेगा पहले जीवनशैली सुधारें व योग्यता बढ़ाएं : जगद्गुरु वसंत विजयानंद गिरी जी

Jagadguru Vasant Vijayanand Giri Ji

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पूज्यपाद जगद्गुरु का श्रीचक्र महामेरु पीठम में हुआ भव्य स्वागत सत्कार

जगद्गुरु आज पहुंचेंगे इंदौर, उज्जैन में श्री रत्नेश्वर गणपतिजी की प्रतिमा प्रवेश 23 को 

रायपुर। Jagadguru Vasant Vijayanand Giri Ji: परमहंस परिव्राजकाचार्य अनन्त श्री विभूषित कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु 1008 परम पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज का यहां श्री चक्र महामेरु पीठम के पीठाधिपति स्वामी श्री सच्चिदानंद तीर्थजी द्वारा भव्य स्वागत सत्कार किया गया। इस दौरान उन्हें भगवती मां त्रिपुर सुंदरी की चादर ओढ़ाकर, माल्यार्पण कर मेमेंटो भेंट किया गया। स्वामीजी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि हमारे अल्प समय के भावनात्मक निमंत्रण पर साक्षात् देवी मां पद्मावतीजी के रूप में पूज्यपाद जगद्गुरु सौभाग्य लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि मनियारी नदी के निकट स्थित दंडकारण्य इसी क्षेत्र से प्रभु श्रीराम एवं  माता सीताजी वनवास के दौरान यहीं से होते हुए रामेश्वरम की ओर गए थे। छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया उक्ति के साथ वे बोले कि हम पूज्यपाद जगद्गुरु के श्रीचरणों में अपना स्नेहिल प्रेम और मन ही अर्पण कर सकते हैं। इस मौके पर पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानंदगिरि जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि देवी देवताओं अथवा सिद्ध संतों के प्रति अपनापन होगा तो निश्चित जीवन सफल होगा। संत हमेशा सेवाभावी, संस्कारी, सद्गुणी पर अपनी कृपा बरसाते हैं। देव कृपा पाने का सरल उपाय बताते हुए पूज्यपाद जगद्गुरु ने कहा देवगुण अपनाने वाले को भगवान स्वत: मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस धरा पर कोई भी व्यक्ति यदि दुखी है तो वह अपनी अज्ञानता से है। प्रसंगवश एक बावर्ची एवं अंबानी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा की परिस्थिति, जीवनशैली सुधारें व योग्यता बढ़ाएं। स्वयं की योग्यता बढ़ाकर, परिवर्तित जीवनशैली अपना कर संस्कारी व श्रेष्ठिवर्य बना जा सकता है। भक्त वत्सल भगवान स्वरूप, वचन सिद्ध गुरुदेव श्रीजी ने छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों, शहर, गांवों से बड़ी संख्या में उपस्थित सभी गुरु भक्तों को अपनी नियमित आय में से 10 फीसदी गौशाला सेवा में, मंदिर में, निर्धनों के सहयोग व क्षमतानुसार अन्नदान आदि करने की प्रेरणा भी दी। उन्होंने कहा दानी व्यक्ति सदैव श्रेष्ठ माने जाते हैं। आयोजन की विभिन्न व्यवस्थाओं में पीठम के श्री कार्यम डॉ कौशल किशोर दुबे, भूपेश यादव सहित अनेक वेदपाठी विप्र बटुकों ने सहयोग किया। सभी आगंतुकजनों श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद कराया गया। 

जगद्गुरु श्री वसंत विजयानंद गिरी जी महाराज आज पहुंचेंगे इंदौर

श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी के डॉ संकेश छाजेड़ ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में श्री चक्र महामेरु पीठम में पीठाधीपति, कांची शंकराचार्य के शिष्य स्वामी श्री सच्चिदानंद तीर्थजी द्वारा आदि शंकराचार्य पाट परंपरानुसार जगद्गुरु पदारोहण पश्चात यहां आगमन पर सहस्राभिषेक, स्वागत सम्मान के बाद अहिल्याबाई की नगरी इंदौर में रविवार को आगमन होगा। पूज्यपाद जगद्गुरु रायपुर से हवाई मार्ग से प्रस्थान कर 20 अप्रैल को दोपहर इंदौर पहुंचेंगे। वे यहां पर वीआईपी परस्पर कॉलोनी स्थित मां के मंदिर जाएंगे। 

उज्जैन में श्री रत्नेश्वर गणपतिजी की प्रतिमा प्रवेश 23 को 

डॉ संकेश ने बताया कि आगामी 23 अप्रैल को बाबा श्रीमहाकाल की नगरी उज्जैन में दुनिया के पहले और विशाल निर्माणाधीन श्री रत्नेश्वर महादेव मंदिर परिसर में प्रथम चरण में श्री रत्नेश्वर गणपतिजी की प्रतिमा प्रवेश कार्यक्रम में पूज्यपाद जगद्गुरु अपना दिव्य सानिध्य प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि उजड़खेड़ा हनुमान मार्ग, भूखी माता मंदिर के समीप स्थित बन रहे इस भव्य मंदिर में विश्व की सबसे बड़ी अष्टधातु से निर्मित श्रीरत्नेश्वर गणपतिजी की 3200 किलो वजनीय भव्य मूर्ति का प्रवेश होगा। बुधवार दोपहर 12 बजे से भव्य समारोह एवं समस्त भक्तजनों के लिए प्रसाद वितरण भी होगा। इस दौरान देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरु भक्त उज्जैन पहुंचेंगे।